यह पुस्तक दो वर्षीय बी. एड. पाठ्यक्रमानुसार लिखी गई है जिसमें मुंबई विश्वविघालय के अनुसार क्रेडिट आधारित चोआइस पद्धति (C.B.C .S.) को ध्यान में रखा गया है। इसके अतिरिक्त यह पुस्तक अन्य विश्वविघालय के पाठ्यक्रम के लिए उपयुक्त है। शिक्षण प्रशिक्षण क्षेत्र में हिन्दी भाषा के अध्ययन-अध्यापन शास्त्रीय क्षेत्र में यह पुस्तक अत्यंत लाभदायी सिद्ध होगी क्योंकि हिन्दी भाषा अध्ययन-अध्यापन के महत्वपूर्ण पहलुओं को विशिष्ट पद्धति अनुसार सावधानीपूर्वक इसमें लिखा गया है। यह पुस्तक इसीलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि इसकी विषय – वस्तु को बड़ी ही सहजता के साथ प्रस्तुत किया गया है ताकि शिक्षक और विद्दार्थी दोनों ही इसमें महारत प्राप्त कर सके व अपनी अध्ययन-अध्यापन प्रक्रिया में उत्कृष्ट सफलता प्राप्त कर सकें। लेखिका ने अपने अड़तीस वर्षो के अनुभव को इसमें अंकित किया है। लेखिका अपने सभी पुस्तक समर्थको का धन्यवाद् करती है।
अनुक्रमणिका
हिन्दी भाषा अध्यापन – सैद्धान्तिक परिप्रेकक्षय
१. शौक्षणिक विषयों के आधार
२. हिन्दी भाषा की प्रकृतिक व महत्व
३. हिन्दी भाषा के मनोवैज्ञानिक आधार एंव सहसम्बन्ध
हिन्दी भाषा सृजन के पहलु एंव कौशल
४. भाषा सृजन के विविध पहलु
५. भाषा कौशल
६. भाषा समृद्धि में माध्यम
७. हिन्दी भाषा की समृद्धि में महत्वपूर्ण स्थान